Original

अमात्यो मे भव प्राज्ञ पितेव हि प्रशाधि माम् ।न तेऽस्ति भयमस्मत्तो जीवितेनात्मनः शपे ॥ १२६ ॥

Segmented

अमात्यो मे भव प्राज्ञ पिता इव हि प्रशाधि माम् न ते ऽस्ति भयम् अस्मत्तो जीवितेन आत्मनः शपे

Analysis

Word Lemma Parse
अमात्यो अमात्य pos=n,g=m,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
प्राज्ञ प्राज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
पिता पितृ pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
हि हि pos=i
प्रशाधि प्रशास् pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽस्ति अस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
भयम् भय pos=n,g=n,c=1,n=s
अस्मत्तो मद् pos=n,g=m,c=5,n=p
जीवितेन जीवित pos=n,g=n,c=3,n=s
आत्मनः आत्मन् pos=n,g=m,c=6,n=s
शपे शप् pos=v,p=1,n=s,l=lat