महाभारतम् — 12.134.10
Original
Segmented
यथा हि अकस्मात् भवति भूमौ पांसु-तृण-उलपम् तथा एव इह भवेद् धर्मः सूक्ष्मः सूक्ष्मतरो ऽपि च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अकस्मात् | अकस्मात् | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
पांसु | पांसु | pos=n,comp=y |
तृण | तृण | pos=n,comp=y |
उलपम् | उलप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
इह | इह | pos=i |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
धर्मः | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सूक्ष्मः | सूक्ष्म | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सूक्ष्मतरो | सूक्ष्मतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |