महाभारतम् — 12.133.17
Original
Segmented
यस्य हि एते संप्ररुष्टा मन्त्रयन्ति पराभवम् न तस्य त्रिषु लोकेषु त्राता भवति कश्चन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
एते | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
संप्ररुष्टा | संप्ररुष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
मन्त्रयन्ति | मन्त्रय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
पराभवम् | पराभव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
त्राता | त्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कश्चन | कश्चन | pos=n,g=m,c=1,n=s |