महाभारतम् — 12.129.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच क्षीणस्य दीर्घसूत्रस्य स अनुक्रोशस्य बन्धुषु विरक्त-पौर-राष्ट्रस्य निर्द्रव्य-निचयस्य च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
क्षीणस्य | क्षि | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
दीर्घसूत्रस्य | दीर्घसूत्र | pos=a,g=m,c=6,n=s |
स | स | pos=i |
अनुक्रोशस्य | अनुक्रोश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
बन्धुषु | बन्धु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विरक्त | विरञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
पौर | पौर | pos=n,comp=y |
राष्ट्रस्य | राष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
निर्द्रव्य | निर्द्रव्य | pos=a,comp=y |
निचयस्य | निचय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |