महाभारतम् — 12.127.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच न अमृतस्य इव पर्याप्तिः मे अस्ति ब्रुवति त्वयि तस्मात् कथय भूयस् त्वम् धर्मम् एव पितामह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
अमृतस्य | अमृत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
पर्याप्तिः | पर्याप्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ब्रुवति | ब्रू | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
कथय | कथय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भूयस् | भूयस् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |