महाभारतम् — 12.126.39
Original
Segmented
कृश-तनुः उवाच दुर्लभो अपि अथ वा न अस्ति यो ऽर्थी धृतिम् इव आप्नुयात् सु दुर्लभतरः तात यो ऽर्थिनम् न अवमन्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृश | कृश | pos=a,comp=y |
तनुः | तनु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दुर्लभो | दुर्लभ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
अथ | अथ | pos=i |
वा | वा | pos=i |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽर्थी | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
आप्नुयात् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सु | सु | pos=i |
दुर्लभतरः | दुर्लभतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽर्थिनम् | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अवमन्यते | अवमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |