Original

एवमुक्त्वाभिवाद्याथ तमृषिं लोकपूजितम् ।श्रान्तो न्यषीदद्धर्मात्मा यथा त्वं नरसत्तम ॥ २३ ॥

Segmented

एवम् उक्त्वा अभिवाद्य अथ तम् ऋषिम् लोक-पूजितम् श्रान्तो न्यषीदद् धर्म-आत्मा यथा त्वम् नर-सत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
उक्त्वा वच् pos=vi
अभिवाद्य अभिवादय् pos=vi
अथ अथ pos=i
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
ऋषिम् ऋषि pos=n,g=m,c=2,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
पूजितम् पूजय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
श्रान्तो श्रम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
न्यषीदद् निषद् pos=v,p=3,n=s,l=lan
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
नर नर pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s