Original

पृष्टश्च तेन बहुशः प्राप्तं कथमरिंदम ।त्रैलोक्यराज्यं धर्मज्ञ कारणं तद्ब्रवीहि मे ॥ ३२ ॥

Segmented

पृष्टः च तेन बहुशः प्राप्तम् कथम् अरिंदम त्रैलोक्य-राज्यम् धर्म-ज्ञ कारणम् तद् ब्रवीहि मे

Analysis

Word Lemma Parse
पृष्टः प्रच्छ् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
तेन तद् pos=n,g=m,c=3,n=s
बहुशः बहुशस् pos=i
प्राप्तम् प्राप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
कथम् कथम् pos=i
अरिंदम अरिंदम pos=a,g=m,c=8,n=s
त्रैलोक्य त्रैलोक्य pos=n,comp=y
राज्यम् राज्य pos=n,g=n,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
कारणम् कारण pos=n,g=n,c=2,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रवीहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s