महाभारतम् — 12.123.14
Original
Segmented
कामन्द उवाच यो धर्म-अर्थौ समुत्सृज्य कामम् एव अनुवर्तते स धर्म-अर्थ-परित्यागात् प्रज्ञा-नाशम् इह अर्छति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कामन्द | कामन्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थौ | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=d |
समुत्सृज्य | समुत्सृज् | pos=vi |
कामम् | काम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
अनुवर्तते | अनुवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
परित्यागात् | परित्याग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,comp=y |
नाशम् | नाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
अर्छति | ऋछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |