Original

वसुहोम उवाच ।शृणु राजन्यथा दण्डः संभूतो लोकसंग्रहः ।प्रजाविनयरक्षार्थं धर्मस्यात्मा सनातनः ॥ १४ ॥

Segmented

वसुहोम उवाच शृणु राजन् यथा दण्डः सम्भूतो लोक-संग्रहः प्रजा-विनय-रक्षा-अर्थम् धर्मस्य आत्मा सनातनः

Analysis

Word Lemma Parse
वसुहोम वसुहोम pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
यथा यथा pos=i
दण्डः दण्ड pos=n,g=m,c=1,n=s
सम्भूतो सम्भू pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
लोक लोक pos=n,comp=y
संग्रहः संग्रह pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रजा प्रजा pos=n,comp=y
विनय विनय pos=n,comp=y
रक्षा रक्षा pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
धर्मस्य धर्म pos=n,g=m,c=6,n=s
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
सनातनः सनातन pos=a,g=m,c=1,n=s