महाभारतम् — 12.120.36
Original
Segmented
अग्नि-स्तोकः वर्धते हि आज्य-सिक्तः बीजम् च एकम् बहु-साहस्रम् एति क्षय-उदयौ विपुलौ संनिशाम्य तस्माद् अल्पम् न अवमन्येत विद्वान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
स्तोकः | स्तोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
आज्य | आज्य | pos=n,comp=y |
सिक्तः | सिच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बीजम् | बीज | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एकम् | एक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
साहस्रम् | साहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एति | इ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्षय | क्षय | pos=n,comp=y |
उदयौ | उदय | pos=n,g=m,c=2,n=d |
विपुलौ | विपुल | pos=a,g=m,c=2,n=d |
संनिशाम्य | संनिशामय् | pos=vi |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
अल्पम् | अल्प | pos=a,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अवमन्येत | अवमन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विद्वान् | विद्वस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |