Original

क्षात्रेण धर्मेण पराक्रमेण जित्वा महीं मन्त्रविद्भ्यः प्रदाय ।नाकस्य पृष्ठेऽसि नरेन्द्र गन्ता न शोचितव्यं भवताद्य पार्थ ॥ ३६ ॥

Segmented

क्षात्रेण धर्मेण पराक्रमेण जित्वा महीम् मन्त्र-विद्भ्यः प्रदाय नाकस्य पृष्ठे ऽसि नरेन्द्र गन्ता न शोचितव्यम् भवता अद्य पार्थ

Analysis

Word Lemma Parse
क्षात्रेण क्षात्र pos=a,g=m,c=3,n=s
धर्मेण धर्म pos=n,g=m,c=3,n=s
पराक्रमेण पराक्रम pos=n,g=m,c=3,n=s
जित्वा जि pos=vi
महीम् मही pos=n,g=f,c=2,n=s
मन्त्र मन्त्र pos=n,comp=y
विद्भ्यः विद् pos=a,g=m,c=4,n=p
प्रदाय प्रदा pos=vi
नाकस्य नाक pos=n,g=m,c=6,n=s
पृष्ठे पृष्ठ pos=n,g=n,c=7,n=s
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
नरेन्द्र नरेन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
गन्ता गन्तृ pos=a,g=m,c=1,n=s
pos=i
शोचितव्यम् शुच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya
भवता भवत् pos=a,g=m,c=3,n=s
अद्य अद्य pos=i
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s