Original

नापरीक्ष्य महीपालः प्रकर्तुं भृत्यमर्हति ।अकुलीननराकीर्णो न राजा सुखमेधते ॥ ४ ॥

Segmented

न अपरीक्ष्य महीपालः प्रकर्तुम् भृत्यम् अर्हति अकुलीन-नर-आकीर्णः न राजा सुखम् एधते

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अपरीक्ष्य अपरीक्ष्य pos=i
महीपालः महीपाल pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रकर्तुम् प्रकृ pos=vi
भृत्यम् भृत्य pos=n,g=m,c=2,n=s
अर्हति अर्ह् pos=v,p=3,n=s,l=lat
अकुलीन अकुलीन pos=a,comp=y
नर नर pos=n,comp=y
आकीर्णः आकृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
सुखम् सुखम् pos=i
एधते एध् pos=v,p=3,n=s,l=lat