महाभारतम् — 12.115.7
Original
Segmented
यद् यद् ब्रूयाद् अल्प-मतिः तत् तद् अस्य सहेत् सदा प्राकृतो हि प्रशंसन् वा निन्दन् वा किम् करिष्यति वने काक इव अबुद्धि वाशमानो निरर्थकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रूयाद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अल्प | अल्प | pos=a,comp=y |
मतिः | मति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सहेत् | सह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सदा | सदा | pos=i |
प्राकृतो | प्राकृत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
प्रशंसन् | प्रशंस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
निन्दन् | निन्द् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करिष्यति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
काक | काक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अबुद्धि | अबुद्धि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वाशमानो | वाश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
निरर्थकम् | निरर्थक | pos=a,g=n,c=2,n=s |