महाभारतम् — 12.115.13
Original
Segmented
तस्मात् प्राज्ञो नरः सद्यस् तादृशम् पाप-चेतसम् वर्जयेत् साधुभिः वर्ज्यम् सारमेय-आमिषम् यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
प्राज्ञो | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सद्यस् | सद्यस् | pos=i |
तादृशम् | तादृश | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
चेतसम् | चेतस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वर्जयेत् | वर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
साधुभिः | साधु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
वर्ज्यम् | वर्जय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
सारमेय | सारमेय | pos=n,comp=y |
आमिषम् | आमिष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यथा | यथा | pos=i |