महाभारतम् — 12.112.81
Original
Segmented
दुःखेन श्लेष्यते भिन्नम् श्लिष्टम् दुःखेन भिद्यते भिन्न-श्लिष्टा तु या प्रीतिः न सा स्नेहेन वर्तते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
श्लेष्यते | श्लेषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भिन्नम् | भिद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
श्लिष्टम् | श्लिष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
भिद्यते | भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भिन्न | भिद् | pos=va,comp=y,f=part |
श्लिष्टा | श्लिष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्नेहेन | स्नेह | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |