Original

मुनिरुवाच ।उपपन्नस्त्वमेतेन यथा क्षत्रिय भाषसे ।प्रकृत्या ह्युपपन्नोऽसि बुद्ध्या चाद्भुतदर्शन ॥ ४ ॥

Segmented

मुनिः उवाच उपपन्नः त्वम् एतेन यथा क्षत्रिय भाषसे प्रकृत्या हि उपपन्नः ऽसि बुद्ध्या च अद्भुत-दर्शन

Analysis

Word Lemma Parse
मुनिः मुनि pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
उपपन्नः उपपद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
एतेन एतद् pos=n,g=n,c=3,n=s
यथा यथा pos=i
क्षत्रिय क्षत्रिय pos=n,g=m,c=8,n=s
भाषसे भाष् pos=v,p=2,n=s,l=lat
प्रकृत्या प्रकृति pos=n,g=f,c=3,n=s
हि हि pos=i
उपपन्नः उपपद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
बुद्ध्या बुद्धि pos=n,g=f,c=3,n=s
pos=i
अद्भुत अद्भुत pos=a,comp=y
दर्शन दर्शन pos=n,g=m,c=8,n=s