महाभारतम् — 12.107.2
Original
Segmented
पुरस्ताद् एव भगवन् मया एतत् अपवर्जितम् येन माम् न अभिशङ्केत यद् वा कृत्स्नम् हितम् भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुरस्ताद् | पुरस्तात् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपवर्जितम् | अपवर्जय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अभिशङ्केत | अभिशङ्क् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
कृत्स्नम् | कृत्स्न | pos=a,g=n,c=1,n=s |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |