महाभारतम् — 12.106.19
Original
Segmented
उभयत्र प्रसक्तस्य धर्मे च अधर्मे एव च बल-अर्थ-मूलम् व्युच्छिद्येत् तेन नन्दन्ति शत्रवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उभयत्र | उभयत्र | pos=i |
प्रसक्तस्य | प्रसञ्ज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
अधर्मे | अधर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
बल | बल | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्युच्छिद्येत् | व्युच्छिद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तेन | तेन | pos=i |
नन्दन्ति | नन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शत्रवः | शत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=p |