महाभारतम् — 12.105.47
Original
Segmented
प्रतिषिद्धान् अवाप्येषु दुर्लभेषु अहितेषु च प्रतिकृष्टेषु भावेषु व्यतिकृष्टेषु असंभवे प्रज्ञान-तृप्तः विक्रान्तः त्वद्विधः न अनुशोचति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिषिद्धान् | प्रतिषिध् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अवाप्येषु | अवाप् | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=krtya |
दुर्लभेषु | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=7,n=p |
अहितेषु | अहित | pos=a,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
प्रतिकृष्टेषु | प्रतिकृष् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
भावेषु | भाव | pos=n,g=m,c=7,n=p |
व्यतिकृष्टेषु | व्यतिकृष् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
असंभवे | असंभव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रज्ञान | प्रज्ञान | pos=n,comp=y |
तृप्तः | तृप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
विक्रान्तः | विक्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वद्विधः | त्वद्विध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अनुशोचति | अनुशुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |