महाभारतम् — 12.105.38
Original
Segmented
अर्थाय एव हि केषांचिद् धन-नाशः भवति उत अनन्त्यम् तम् सुखम् मत्वा श्रियम् अन्यः परीक्षते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
एव | एव | pos=i |
हि | हि | pos=i |
केषांचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
धन | धन | pos=n,comp=y |
नाशः | नाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
उत | उत | pos=i |
अनन्त्यम् | अनन्त्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सुखम् | सुख | pos=a,g=m,c=2,n=s |
मत्वा | मन् | pos=vi |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परीक्षते | परीक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |