महाभारतम् — 12.105.32
Original
Segmented
ईर्ष्या-अति छेद-सम्पन्नाः राजन् पुरुष-मानिनः कच्चित् त्वम् न तथा प्राज्ञ मत्सरी कोसल-अधिपैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ईर्ष्या | ईर्ष्या | pos=n,comp=y |
अति | अति | pos=i |
छेद | छेद | pos=n,comp=y |
सम्पन्नाः | सम्पद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
मानिनः | मानिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
कच्चित् | कच्चित् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
तथा | तथा | pos=i |
प्राज्ञ | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
मत्सरी | मत्सरिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कोसल | कोसल | pos=n,comp=y |
अधिपैः | अधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |