Original

प्रहरिष्यन्प्रियं ब्रूयात्प्रहरन्नपि भारत ।प्रहृत्य च कृपायेत शोचन्निव रुदन्निव ॥ ३४ ॥

Segmented

प्रहरिष्यन् प्रियम् ब्रूयात् प्रहरन्न् अपि भारत प्रहृत्य च कृपायेत शोचन्न् इव रुदन्न् इव

Analysis

Word Lemma Parse
प्रहरिष्यन् प्रहृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
प्रियम् प्रिय pos=a,g=n,c=2,n=s
ब्रूयात् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
प्रहरन्न् प्रहृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
अपि अपि pos=i
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रहृत्य प्रहृ pos=vi
pos=i
कृपायेत कृपाय् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
शोचन्न् शुच् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
रुदन्न् रुद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i