महाभारतम् — 12.102.11
Original
Segmented
गोधा-निमीलिताः केचिन् मृदु-प्रकृतयः ऽपि च तुरङ्ग-गति-निर्घोषाः ते नराः पारयिष्णवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गोधा | गोधा | pos=n,comp=y |
निमीलिताः | निमीलय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
केचिन् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मृदु | मृदु | pos=a,comp=y |
प्रकृतयः | प्रकृति | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |
तुरङ्ग | तुरंग | pos=n,comp=y |
गति | गति | pos=n,comp=y |
निर्घोषाः | निर्घोष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नराः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पारयिष्णवः | पारयिष्णु | pos=a,g=m,c=1,n=p |