महाभारतम् — 12.101.12
Original
Segmented
नव्य-आरण्यैः न शक्येत गन्तुम् मृग-गणैः इव तस्मात् सर्वासु सेनासु योजयन्ति जय-अर्थिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नव्य | नव्य | pos=n,comp=y |
आरण्यैः | आरण्य | pos=a,g=m,c=3,n=p |
न | न | pos=i |
शक्येत | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
गन्तुम् | गम् | pos=vi |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
गणैः | गण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
सर्वासु | सर्व | pos=n,g=f,c=7,n=p |
सेनासु | सेना | pos=n,g=f,c=7,n=p |
योजयन्ति | योजय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
जय | जय | pos=n,comp=y |
अर्थिनः | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |