Original

युधिष्ठिर उवाच ।यथा जयार्थिनः सेनां नयन्ति भरतर्षभ ।ईषद्धर्मं प्रपीड्यापि तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ १ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच यथा जय-अर्थिनः सेनाम् नयन्ति भरत-ऋषभ ईषद् धर्मम् प्रपीड्य अपि तत् मे ब्रूहि पितामह

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
यथा यथा pos=i
जय जय pos=n,comp=y
अर्थिनः अर्थिन् pos=a,g=m,c=1,n=p
सेनाम् सेना pos=n,g=f,c=2,n=s
नयन्ति नी pos=v,p=3,n=p,l=lat
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
ईषद् ईषत् pos=i
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रपीड्य प्रपीडय् pos=vi
अपि अपि pos=i
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s