महाभारतम् — 12.100.8
Original
Segmented
व्यजयन्त रणे शत्रून् हर्षयन्तो जनेश्वरम् तस्माद् आत्मवता नित्यम् स्थातव्यम् रण-मूर्ध्नि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यजयन्त | विजि | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
हर्षयन्तो | हर्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
जनेश्वरम् | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
आत्मवता | आत्मवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
स्थातव्यम् | स्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
रण | रण | pos=n,comp=y |
मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |