Original

जनमेजय उवाच ।गते भगवति व्यासे धृतराष्ट्रो महीपतिः ।किमचेष्टत विप्रर्षे तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ॥ १ ॥

Segmented

जनमेजय उवाच गते भगवति व्यासे धृतराष्ट्रो महीपतिः किम् अचेष्टत विप्रर्षे तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
गते गम् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
भगवति भगवत् pos=a,g=m,c=7,n=s
व्यासे व्यास pos=n,g=m,c=7,n=s
धृतराष्ट्रो धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
महीपतिः महीपति pos=n,g=m,c=1,n=s
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अचेष्टत चेष्ट् pos=v,p=3,n=s,l=lan
विप्रर्षे विप्रर्षि pos=n,g=m,c=8,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat