महाभारतम् — 11.5.3
Original
Segmented
कश्चिद् महति संसारे वर्तमानो द्विजः किल वनम् दुर्गम् अनुप्राप्तो महत् क्रव्याद-संकुलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महति | महत् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
संसारे | संसार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वर्तमानो | वृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
द्विजः | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
किल | किल | pos=i |
वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दुर्गम् | दुर्ग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अनुप्राप्तो | अनुप्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
क्रव्याद | क्रव्याद | pos=n,comp=y |
संकुलम् | संकुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |