महाभारतम् — 11.25.44
Original
Segmented
संहर्ता वृष्णि-चक्रस्य न अन्यः मद् विद्यते शुभे जाने ऽहम् एतद् अपि एवम् चीर्णम् चरसि क्षत्रिये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संहर्ता | संहर्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
चक्रस्य | चक्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मद् | मद् | pos=n,g=,c=5,n=s |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शुभे | शुभ | pos=a,g=f,c=8,n=s |
जाने | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
चीर्णम् | चर् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
चरसि | चर् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
क्षत्रिये | क्षत्रिया | pos=n,g=f,c=8,n=s |