Original

वैशंपायन उवाच ।इत्युक्त्वा न्यपतद्भूमौ गान्धारी शोककर्शिता ।दुःखोपहतविज्ञाना धैर्यमुत्सृज्य भारत ॥ ३४ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच इति उक्त्वा न्यपतद् भूमौ गान्धारी शोक-कर्शिता दुःख-उपहत-विज्ञाना धैर्यम् उत्सृज्य भारत

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
इति इति pos=i
उक्त्वा वच् pos=vi
न्यपतद् निपत् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भूमौ भूमि pos=n,g=f,c=7,n=s
गान्धारी गान्धारी pos=n,g=f,c=1,n=s
शोक शोक pos=n,comp=y
कर्शिता कर्शय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
दुःख दुःख pos=n,comp=y
उपहत उपहन् pos=va,comp=y,f=part
विज्ञाना विज्ञान pos=n,g=f,c=1,n=s
धैर्यम् धैर्य pos=n,g=n,c=2,n=s
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s