Original

पाञ्चालराज्ञो विपुलं पुण्डरीकाक्ष पाण्डुरम् ।आतपत्रं समाभाति शरदीव दिवाकरः ॥ १६ ॥

Segmented

पाञ्चाल-राज्ञः विपुलम् पुण्डरीकाक्ष पाण्डुरम् आतपत्रम् समाभाति शरदि इव दिवाकरः

Analysis

Word Lemma Parse
पाञ्चाल पाञ्चाल pos=n,comp=y
राज्ञः राजन् pos=n,g=m,c=6,n=s
विपुलम् विपुल pos=a,g=n,c=1,n=s
पुण्डरीकाक्ष पुण्डरीकाक्ष pos=n,g=m,c=8,n=s
पाण्डुरम् पाण्डुर pos=a,g=n,c=1,n=s
आतपत्रम् आतपत्र pos=n,g=n,c=1,n=s
समाभाति समाभा pos=v,p=3,n=s,l=lat
शरदि शरद् pos=n,g=f,c=7,n=s
इव इव pos=i
दिवाकरः दिवाकर pos=n,g=m,c=1,n=s