Original

अहो धिगेषा पतिता विसंज्ञा समीक्ष्य जाम्बूनदबद्धनिष्कम् ।कर्णं महाबाहुमदीनसत्त्वं सुषेणमाता रुदती भृशार्ता ॥ १२ ॥

Segmented

अहो धिग् एषा पतिता विसंज्ञा समीक्ष्य जाम्बूनद-बद्ध-निष्कम् कर्णम् महा-बाहुम् अदीन-सत्त्वम् सुषेण-माता रुदती भृश-आर्ता

Analysis

Word Lemma Parse
अहो अहो pos=i
धिग् धिक् pos=i
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
पतिता पत् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
विसंज्ञा विसंज्ञ pos=a,g=f,c=1,n=s
समीक्ष्य समीक्ष् pos=vi
जाम्बूनद जाम्बूनद pos=n,comp=y
बद्ध बन्ध् pos=va,comp=y,f=part
निष्कम् निष्क pos=n,g=m,c=2,n=s
कर्णम् कर्ण pos=n,g=m,c=2,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
बाहुम् बाहु pos=n,g=m,c=2,n=s
अदीन अदीन pos=a,comp=y
सत्त्वम् सत्त्व pos=n,g=m,c=2,n=s
सुषेण सुषेण pos=n,comp=y
माता मातृ pos=n,g=f,c=1,n=s
रुदती रुद् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
भृश भृश pos=a,comp=y
आर्ता आर्त pos=a,g=f,c=1,n=s