Original

प्रविश्य समरे वीरः पाण्डवानामनीकिनीम् ।आविश्य शयने शेते पुनः सत्पुरुषोचितम् ॥ १६ ॥

Segmented

प्रविश्य समरे वीरः पाण्डवानाम् अनीकिनीम् आविश्य शयने शेते पुनः सत्-पुरुष-उचितम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्रविश्य प्रविश् pos=vi
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
वीरः वीर pos=n,g=m,c=1,n=s
पाण्डवानाम् पाण्डव pos=n,g=m,c=6,n=p
अनीकिनीम् अनीकिनी pos=n,g=f,c=2,n=s
आविश्य आविश् pos=vi
शयने शयन pos=n,g=n,c=7,n=s
शेते शी pos=v,p=3,n=s,l=lat
पुनः पुनर् pos=i
सत् सत् pos=a,comp=y
पुरुष पुरुष pos=n,comp=y
उचितम् उचित pos=a,g=n,c=2,n=s