Original

पुण्डरीकनिभा भाति पुण्डरीकान्तरप्रभा ।मुखं विमृज्य पुत्रस्य भर्तुश्चैव तपस्विनी ॥ २९ ॥

Segmented

पुण्डरीक-निभा भाति पुण्डरीक-अन्तर-प्रभा मुखम् विमृज्य पुत्रस्य भर्तुः च एव तपस्विनी

Analysis

Word Lemma Parse
पुण्डरीक पुण्डरीक pos=n,comp=y
निभा निभ pos=a,g=f,c=1,n=s
भाति भा pos=v,p=3,n=s,l=lat
पुण्डरीक पुण्डरीक pos=n,comp=y
अन्तर अन्तर pos=a,comp=y
प्रभा प्रभा pos=n,g=f,c=1,n=s
मुखम् मुख pos=n,g=n,c=2,n=s
विमृज्य विमृज् pos=vi
पुत्रस्य पुत्र pos=n,g=m,c=6,n=s
भर्तुः भर्तृ pos=n,g=m,c=6,n=s
pos=i
एव एव pos=i
तपस्विनी तपस्विनी pos=n,g=f,c=1,n=s