Original

वैशंपायन उवाच ।ततो दुर्योधनं दृष्ट्वा गान्धारी शोककर्शिता ।सहसा न्यपतद्भूमौ छिन्नेव कदली वने ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच ततो दुर्योधनम् दृष्ट्वा गान्धारी शोक-कर्शिता सहसा न्यपतद् भूमौ छिन्ना इव कदली वने

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ततो ततस् pos=i
दुर्योधनम् दुर्योधन pos=n,g=m,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
गान्धारी गान्धारी pos=n,g=f,c=1,n=s
शोक शोक pos=n,comp=y
कर्शिता कर्शय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
सहसा सहसा pos=i
न्यपतद् निपत् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भूमौ भूमि pos=n,g=f,c=7,n=s
छिन्ना छिद् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
कदली कदल pos=n,g=f,c=1,n=s
वने वन pos=n,g=n,c=7,n=s