Original

शेषे ह्यवस्थिते तात पुत्राणामन्तके त्वयि ।न मे दुःखं भवेदेतद्यदि त्वं धर्ममाचरः ॥ २२ ॥

Segmented

शेषे हि अवस्थिते तात पुत्राणाम् अन्तके त्वयि न मे दुःखम् भवेद् एतद् यदि त्वम् धर्मम् आचरः

Analysis

Word Lemma Parse
शेषे शेष pos=n,g=m,c=7,n=s
हि हि pos=i
अवस्थिते अवस्था pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
पुत्राणाम् पुत्र pos=n,g=m,c=6,n=p
अन्तके अन्तक pos=n,g=m,c=7,n=s
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
दुःखम् दुःख pos=n,g=n,c=1,n=s
भवेद् भू pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
यदि यदि pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
आचरः आचर् pos=v,p=2,n=s,l=lan