Original

केशपक्षपरामर्शे द्रौपद्या द्यूतकारिते ।क्रोधाद्यदब्रुवं चाहं तच्च मे हृदि वर्तते ॥ १७ ॥

Segmented

केश-पक्ष-परामर्शे द्रौपद्या द्यूत-कारिते क्रोधाद् यद् अब्रुवम् च अहम् तत् च मे हृदि वर्तते

Analysis

Word Lemma Parse
केश केश pos=n,comp=y
पक्ष पक्ष pos=n,comp=y
परामर्शे परामर्श pos=n,g=m,c=7,n=s
द्रौपद्या द्रौपदी pos=n,g=f,c=6,n=s
द्यूत द्यूत pos=n,comp=y
कारिते कारय् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
क्रोधाद् क्रोध pos=n,g=m,c=5,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अब्रुवम् ब्रू pos=v,p=1,n=s,l=lan
pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
हृदि हृद् pos=n,g=n,c=7,n=s
वर्तते वृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat