Original

वैशंपायन उवाच ।हते पुत्रशते दीनं छिन्नशाखमिव द्रुमम् ।पुत्रशोकाभिसंतप्तं धृतराष्ट्रं महीपतिम् ॥ ४ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच हते पुत्र-शते दीनम् छिन्न-शाखम् इव द्रुमम् पुत्र-शोक-अभिसंतप्तम् धृतराष्ट्रम् महीपतिम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
हते हन् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
पुत्र पुत्र pos=n,comp=y
शते शत pos=n,g=n,c=7,n=s
दीनम् दीन pos=a,g=m,c=2,n=s
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
शाखम् शाखा pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
द्रुमम् द्रुम pos=n,g=m,c=2,n=s
पुत्र पुत्र pos=n,comp=y
शोक शोक pos=n,comp=y
अभिसंतप्तम् अभिसंतप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
धृतराष्ट्रम् धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=2,n=s
महीपतिम् महीपति pos=n,g=m,c=2,n=s