महाभारतम् — 10.9.59
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच इति श्रुत्वा स नृपतिः पुत्र-ज्ञाति-वधम् तदा निःश्वस्य दीर्घम् उष्णम् च ततस् चिन्ता-परः ऽभवत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इति | इति | pos=i |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नृपतिः | नृपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुत्र | पुत्र | pos=n,comp=y |
ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
वधम् | वध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
निःश्वस्य | निःश्वस् | pos=vi |
दीर्घम् | दीर्घ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
उष्णम् | उष्ण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
ततस् | ततस् | pos=i |
चिन्ता | चिन्ता | pos=n,comp=y |
परः | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |