महाभारतम् — 10.8.96
Original
Segmented
विप्रनष्टाः च ते ऽन्योन्यम् न अजानन्त तदा विभो क्रोशन्तः तात पुत्र इति दैव-उपहत-चेतसः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विप्रनष्टाः | विप्रणश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽन्योन्यम् | अन्योन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अजानन्त | ज्ञा | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
क्रोशन्तः | क्रुश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
दैव | दैव | pos=n,comp=y |
उपहत | उपहन् | pos=va,comp=y,f=part |
चेतसः | चेतस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |