महाभारतम् — 10.8.85
Original
Segmented
बन्धनानि च राज-इन्द्र संछिद्य तुरगा द्विपाः समम् पर्यपतन् च अन्ये कुर्वन्तो महद् आकुलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बन्धनानि | बन्धन | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
संछिद्य | संछिद् | pos=vi |
तुरगा | तुरग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
द्विपाः | द्विप | pos=n,g=m,c=1,n=p |
समम् | समम् | pos=i |
पर्यपतन् | परिपत् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
च | च | pos=i |
अन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कुर्वन्तो | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आकुलम् | आकुल | pos=n,g=n,c=2,n=s |