महाभारतम् — 10.8.78
Original
Segmented
पुनः उत्पततः कांश्चिद् दूराद् अपि नर-उत्तमान् शूरान् सम्पत् च अन्यान् कालरात्र्यै न्यवेदयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुनः | पुनर् | pos=i |
उत्पततः | उत्पत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
कांश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दूराद् | दूरात् | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
नर | नर | pos=n,comp=y |
उत्तमान् | उत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
शूरान् | शूर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सम्पत् | सम्पत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
कालरात्र्यै | कालरात्रि | pos=n,g=f,c=4,n=s |
न्यवेदयत् | निवेदय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |