महाभारतम् — 10.8.142
Original
Segmented
एवंविधा हि सा रात्रिः सोमकानाम् जन-क्षये प्रसुप्तानाम् प्रमत्तानाम् आसीत् सु भृश-दारुणा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवंविधा | एवंविध | pos=a,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
रात्रिः | रात्रि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सोमकानाम् | सोमक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
जन | जन | pos=n,comp=y |
क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रसुप्तानाम् | प्रस्वप् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
प्रमत्तानाम् | प्रमद् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सु | सु | pos=i |
भृश | भृश | pos=a,comp=y |
दारुणा | दारुण | pos=a,g=f,c=1,n=s |