महाभारतम् — 10.8.106
Original
Segmented
कांश्चिद् योधान् स खड्गेन मध्ये संछिद्य वीर्यवान् अपातयद् द्रोण-सुतः संरब्धः तिल-काण्ड-वत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कांश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
योधान् | योध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स | स | pos=i |
खड्गेन | खड्ग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
संछिद्य | संछिद् | pos=vi |
वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अपातयद् | पातय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
सुतः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संरब्धः | संरभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तिल | तिल | pos=n,comp=y |
काण्ड | काण्ड | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |