महाभारतम् — 10.3.33
Original
Segmented
अद्य पाञ्चाल-राजस्य धृष्टद्युम्नस्य वै निशि विरात्रे प्रमथिष्यामि पशोः इव शिरो बलात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अद्य | अद्य | pos=i |
पाञ्चाल | पाञ्चाल | pos=n,comp=y |
राजस्य | राज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धृष्टद्युम्नस्य | धृष्टद्युम्न | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वै | वै | pos=i |
निशि | निश् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
विरात्रे | विरात्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रमथिष्यामि | प्रमथ् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
पशोः | पशु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
शिरो | शिरस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
बलात् | बल | pos=n,g=n,c=5,n=s |