महाभारतम् — 10.2.21
Original
Segmented
सम्यग् ईहा पुनः इयम् यो वृद्धान् उपसेवते आपृच्छति च यत् श्रेयः करोति च हितम् वचः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
ईहा | ईहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वृद्धान् | वृद्ध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
उपसेवते | उपसेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
आपृच्छति | आप्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |