महाभारतम् — 10.16.34
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तम् गृहीत्वा ततो राजा शिरसि एव अकरोत् तदा गुरोः उच्छिष्टम् इति एव द्रौपद्या वचनाद् अपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
ततो | ततस् | pos=i |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शिरसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
एव | एव | pos=i |
अकरोत् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
उच्छिष्टम् | उच्छिष्ट | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
एव | एव | pos=i |
द्रौपद्या | द्रौपदी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
वचनाद् | वचन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अपि | अपि | pos=i |