महाभारतम् — 10.15.8
Original
Segmented
अ चरित-ब्रह्मचर्यः यः सृष्ट्वा आवर्तयते पुनः तद् अस्त्रम् स अनुबन्धस्य मूर्धानम् तस्य कृन्तति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अ | अ | pos=i |
चरित | चर् | pos=va,comp=y,f=part |
ब्रह्मचर्यः | ब्रह्मचर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सृष्ट्वा | सृज् | pos=vi |
आवर्तयते | आवर्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुनः | पुनर् | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
अनुबन्धस्य | अनुबन्ध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मूर्धानम् | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कृन्तति | कृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |