महाभारतम् — 10.15.7
Original
Segmented
ब्रह्म-तेजः-भवम् तत् हि विसृष्टम् अकृतात्मना न शक्यम् आवर्तयितुम् ब्रह्मचारि-व्रतात् ऋते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
तेजः | तेजस् | pos=n,comp=y |
भवम् | भव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
विसृष्टम् | विसृज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अकृतात्मना | अकृतात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
आवर्तयितुम् | आवर्तय् | pos=vi |
ब्रह्मचारि | ब्रह्मचारिन् | pos=n,comp=y |
व्रतात् | व्रत | pos=n,g=n,c=5,n=s |
ऋते | ऋते | pos=i |